मंच को सादर नमन🙏
विषय - संगम
दिनांक - 17-01-2023
विधा- कविता
मिलन धरा और अम्बर का
झूमती पवन और चमकती रौशनी
चंदा सूरज का नजारा अद्भुत संगम का
दुनियाँ को दिखलाता है।
मिलन गंगा और यमुना का
विहंगम दृश्य संगम का
भाव पवित्रता का अप्रतिम
आकर्षक हृदय में जगाता है।
मिलन दो आत्माओं,समाज
परिवार का वह दृश्य संगम का
लोमहर्षक,अविस्मरणीय,मनोरम
नजारा बन जाता है।
जन्म - जन्म का रिश्ता बनता
सदियों तक सबको आपस में
अदृश्य बंधन में बांधता
विश्वास का संगम बनाता है।
संगम पर बनता महल
विश्वास और समर्पण का जो
जीवन समर में मजबूती से
एक दूजे को जोड़े रखता है।
संजय कुमार सुमन
नवगछिया,भागलपुर,बिहार।
आदरणीय श्री सुंदर भावपूर्ण कविता सृजन प्रस्तुति।💐🙏💐
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