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सोमवार, 9 जनवरी 2023

रचनाकार :- आ. टी. के. पांडेय जी, शीर्षक :- विश्व हिंदी दिवस


कलम बोलती है साहित्यिक समूह
बिषय
हिंदी दिवस
१०/०१/२३
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खाते हिंदी, पीते हिंदी,     हिंदी ही में जीते हिंदी। 
हिंदू की पहचान ये हिंदी,भारत की प्राण ये हिंदी। 

हिंदी में जीवन बसता है, दुनियाँ में भाषा ससता है। 
ईश्वर भी इसमें रमते हैं, कवि, कला आ कर जमते हैं। 

उत्तर में वो खड़ा हिमालय, गंगा, जमुना, नभ देवालय। 
दसो दिशाओं के स्वर सुंदर, हिंदी शोभित देव पुरंदर। 

धरती का हर कोना कोना, हिंदी उगल रही है सोना। 
अति मन लोभन् पावन हिंदी, अति सुंदर प्रिय गावन हिंदी। 

हिंदी दिवस करें कामना,आप सभी को है "शुभकामना"

टी के पांडेय
दिल्ली

1 टिप्पणी:

  1. बहुत ही उत्कृष्ट रचना, समस्त भारतीयता के लिए गर्व की बात कि हम अपनी भाषा को विश्व में सम्मान दे रहे हैं

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