विषय क्रमांक 424
विषय पाठशाला
विधा लघुकथा
दिनांक 16/4/2022
दिन शनिवार
संचालक आप औऱ हम
संगीता एक शिक्षित परिवार की लड़की शहर से रामपुर गाँव में शादी होकर आईं। शादी के तीन बर्ष बाद ही पति का स्वर्गवास हो गया। संगीता की दो बर्ष की पुत्री थी। घर में रहते उसका समय मुश्किल से व्यतीत होता। गाँव में कोई पाठशाला नहीं थी शिक्षित भी बहुत कम थे ।उसने अपने घर के सामने पेड़ के नीचे दो चार बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। बच्चों को पढ़ाई में लगाव देख। उसने अपने भाई से कहकर किताबें बुलवा ली। बच्चों की संख्या बढ़ने लगी । वहां के विधायक दौरे पर निकले वहां संगीता को पढ़ाते देखा तो परिचय लिया।विधायक महोदय ने वहां एक पाठशाला खुलवा दी। औऱ कुछ वर्षो में भवन भी बन गया ।संगीता को शिक्षिका के पद पर नियुक्ति हो गई ।
संगीता की मेहनत औऱ लगन काम आईं।
स्वलिखित मौलिक अप्रकाशित लघुकथा ।
नरेन्द्र श्रीवात्री स्नेह
बालाघाट म प्र
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