पाठशाला
लघु कथा
टी के पांडेय
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मनीष मेधावी था बिषय पर पूर्ण अधिकार कहिये नहीं की उत्तर प्रस्तुत। ठीक बिपरित था उसका मित्र सुरेश। मंद बुद्ध व्यक्तित्व। मनीष हमेसा शिक्षक का चहेता था बहुत करीब। एक दिन दोनों मित्र परस्पर बात कर रहे थे मनीष ने कहा, सुरेश मुझे देखो मै स्कूल में टीचर का टास्क भी नहीं बनाता फिर भो गुरुजी मुझे कुछ नहीं कहते तुझे तो डेली मार पड़ती है और कहते कहते वह हंस पड़ा।सुरेश बिल्कुल चुप उदास मन ही मन खीज गया।
अगले दिन गुरुजी ने मनीष को उसकी कापी चेक की। बिल्कुल कोरी गुरुजी गुस्से से आग होते हुए मनीष को पिटाई कर रहे थे और सुरेश हंस रहा था अपने तिरछे नेत्र से मनीष ने सुरेश को देखा मन ही मन बुदाबूदाया, देखना, देख लूंगा।
टी के दिल्ली
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