" जय मां शारदे "
कलम बोलती है साहित्य समूह नमन।
दिनांक/३१/१/२३दिन मंगलवार
विषय _ क्रमांक 544
विधा_ स्वैच्छिक
विषय :_"अहिंसा "
संचालक आदरणीय गोपाल सिन्हा जी ।
संस्थापक आदरणीय उमा वैष्णवी जी।
"अहिंसा परमो धर्म " हम सब
बड़े गर्व से कहते हैं। किंतु इसका
पालन करने में कंजूसी कर जाते हैं।
अहिंसा को समझना बहुत जरूरी है
अहिंसा मानव मात्र को जीना सिखाती है
अहिंसा जितना मानव मात्र के लिए जरूरी है उतना ही पशु पक्षियों के लिए भी जरूरी है। वह भी समाज का अभिन्न अंग है ।
उनको भी जीने का अधिकार हमें देना चाहिए
कमज़ोर व्यक्ति का सहारा हमें अपने आपको बनाना चाहिए। हम समर्थ हैं पशु पक्षी कमजोर! व्यक्ति अपना बचाओ रखरखाव नहीं कर सकते! इस लिए हमें समय और कुछ अर्थ की व्यवस्था अपने आपसे कटौती करके उनकी सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिए।
हमारे देश में एक लंगोटिया संत पैदा हुआ
जिसने सत्य और अहिंसा के लिए अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया। जिन्हें हम बड़े आदर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से याद करते हैं।
हमें ऐसे लोगों से नसीहत लेनी चाहिए ;और
उनके अनुसार! उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर! अहिंसा का पाठ समझना होगा।
अभी तीन दिन पहले की ही बात है।
रात में सोने के समय सड़क पर कुत्ते भौंक रहे थे। एक सज्जन व्यक्ति ही कहूंगी उन्हें नीद
मे बड़ा व्यवधान पहुंचा।
और वह क्रोध में भर उठे और अपनी लाइसेंसी बंदूक से उन कुत्तों के ऊपर फायर कर दिया ।
गोली दोनों के पेट से आर पार निकल गई
एक तो उसी वक्त मर गया दूसरा कुत्ता जो फीमेल डॉग थी , वह प्रेग्नेंट थी ! काफ़ी देर
तड़पने के बाद उसकी भी मृत्यु हो गई ।
उसकी समझ में नहीं आया कि आख़िर
इतनी सर्दी में भूखे प्यासे वह क्यों भोंक रहे
है ? एक बार देखा होता तो पता चल जाता कि कोई अजनबी गली में किस नियत से घूम रहा है। जिस के लिए वह तुम्हें सचेतकर रहे हैं।
ऐसे हिंसक व्यक्तियों को गांधी को, गौतम बुद्ध
आदि महापुरुषों को पढ़ना चाहिए और इनसे अहिंसा का ज्ञान वर्धन करना सीखना चाहिए।
स्वरचित 🔥
डॉक्टर उषा मिश्रा🔥
कानपुर उत्तर प्रदेश 🔥
जवाब देंहटाएंआदरणीया सुंदर भावपूर्ण प्रेरणादायक विचारात्म सृजन प्रस्तुति।💐🙏🏻💐