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बुधवार, 15 फ़रवरी 2023

रचनाकार :- आ. विमलेश जैसवाल जी, शीर्षक :- यादें



#कलम बोलती है
#विधा काव्य
#विषय यादें

सदा दिल दुखायेंगी यादें तुम्हारी
न हम भूल पाये शहादत वो भारी
कहीं लाल बिछुड़ा कहीं भाई खोया 
हुई है अकेली कहीं प्राण प्यारी 
लिया खूब बदला तसल्ली मिली भी 
मगर मांग सूनी खिली फिर न क्यारी 
बहुत कायराना है हरकत तुम्हारी 
है कैसी ये नफरत है कैसी बीमारी 
तबाही के तुम रास्ते पर चले हो 
संभल जाओ वरना बनोगे भिखारी
 स्वरचित विमलेश

1 टिप्पणी:

  1. नमन मंच
    कविता को सम्मान देने के लिए बहुत-बहुत आभार आदरणीया

    जवाब देंहटाएं

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