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सोमवार, 20 मार्च 2023

रचनाकार :- आ. मिठू डे जी, शीर्षक :- बाल श्रम और बचपन


#कलमबोलतीहैसाहित्यसमूह 
#विषयक्रमांक564
#विषय-बालश्रम और बचपन 
#विधा- लघुकथा 
#दिनांक- 17/3/2023

अब रोटी कौन ?लाएगा भाई !!- अर्थी में लेटी माँ को एक टक देखतें हुए मुन्नी पूछ रही थी अपने आठ साल के बड़े भाई से!!
संजू बिलग बिलग कर रो रहा था!!अचानक बहन के इस सवाल से वो भी कुछ पल के लिए रोना भूल गया!!संजू!मुन्नी की तरफ़ पलट देखा तो देखा मुन्नी एक टक माँ की तरफ़ देखें जा रही है!उसकी आंखों में एक बूंद भी आंसू नहीं है एक अजीब सा सन्नाटा है !हाँ!!चेहरे पे एक अजीब सा भाव है!शायद रोटी की फिक्र!!
मुन्नी- भाई!माँ!तो मर गई अब रोटी कौन लाएगा?
संजू !बहन को गले लगाते हुए बोला- मैं  लाऊंगा!!

       आठ साल का संजू अपनी और अपनी बहन की पेट की आग बुझाने के लिए एक बीड़ी कारखाने में काम पर लग !!
धीरे-धीरे दम घूंटता माहौल में संजू नन्हे-नन्हे हाथो से बीड़ी के पत्तियों में तंबाकू लपेटना सिख गया!शायद उसकी किस्मत की लकीरे भी उस दम घूंटते माहौल में 
दम तोड़नें लगा!!
बचपन ना जाने कहाँ खो गया??

✍मिठु डे मौलिक (स्वरचित )

वर्धमान-वेस्ट बंगाल

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