नमन---कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक-------------------561
विषय-------------------------स्वतन्त्र
तिथि-----------------11/03/2023
वार--------------------------शनिवार
विधा--------------------विधाता छन्द
मापनी---1222,1222,1222,1222
#रिपु_दमन
हृदय में वास मिट्टी का,अरे!सम्मान भारत है।
लुटाना जान मिट्टी पर,अरे!अरमान भारत है।
नहीं झुकना मुझे यारों,अरे!सौगन्ध खाता हूँ-
वतन यह जिंदगी देता,अरे!वरदान भारत है।
लहू तन में भरा जो है,नहीं ठंडा कभी होगा।
मिटाना है मुझे दुश्मन,नहीं दंगा कभी होगा।
मिलूँगा सामने रिपु से,नहीं पीछे हटूँगा अब-
अरे ! बदरंग धरती पे,नहीं झंडा कभी होगा।
अरविन्द सिंह "वत्स"
प्रतापगढ़
उत्तरप्रदेश
सादर धन्यवाद आपका
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना🙏🏻👏👏👏
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